THE LION
AND MOUSE - शेर और चूहा
एक बर एक शेर आपनी गुफ़ा में इतनी तहा। तबही एक चूहा कहिन से एकर उप्पर कुदने लगे। जीसे यूसकी नेड टोट गेइ। Sher ko chuhe par itni jor se gussa aaya ki
ussne chuhe ko apne panjay mein jakad liya aur usse marse ka soochne laga। चूहा बहोत डर गया। उस्ने कहेते हैं से काहा - "अरे शेर राज़! अगार मुजे जान से भीगते हैं, काहे बहोत ऊपाक हो जाता है, और हम आपके हैं वतन अन्नु परर जरूर चोका डूंगा।" ये सुनकर शेर को चुह पार दिन आगाए अउरी हमरे जने दीया। पर हम मन ही मन हंस रहे हैं या छटा सा चुहा मेरा उपकार क्या चुगाएंगे।
समै बिट्टा गया और इक दिन हमशा की तराह शायर की ताल्लुकात मे जंगलों की जंग मे मेरा ग़म का तमाका इक इक शायरी न यूसे चलकी सी आपाल मे मेरा पैगड़ लिया। शेर अपनि सहता के लिय जोर-जोर से दहाड़ मारें लागे। शेर की आवाज़ सुनकर चुहा वहाया आया Sher ko jaal mein phansa dekhkar ussne turant
apne nukele danto se jaal kaat diya aur sher ko azad kar diya। शेर न चुहे का बहोत धन्यावाद किया। यूएसएस दिन शेर ko mein समझ आया की kissi भी přání की kabliyaat usske बहारी रूप से नही करनी chaiye aur कभी chotte- बड़े का bhaidbhav नही कर्ण chaiye। हमेशा सबकी मादत कनी छै क्युंकी जो दोसरोण की मादत कर्ता है, यूस्की बी सब मडत कटे हैं। ( शेर और चूहा )
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